Thursday, April 13, 2006

जन्मो के पार

This song I found in my 12 year old diary, I wrote this one i guess in 1995... :)

ये चाँद तो बादलो के पार है
ये चाँदनी फिर भी क्यूँ बेकरार है
वो मोरा चाँद तो जन्मो के पार है
फिर भी किसी कोने से दिल मे, मेरे
तेरी आती पुकार है

दूर गगन मे जब तारे चमकते है
मिलने को उनसे मेरे नैना तरसते है
नैनो को मेरे बस, तेरी ही आस है
ये चाँद तो बादलो के पार है
ये चाँदनी फिर भी क्यूँ बेकरार है

बादलो को जब उडाती हवाऐ है
दिल को मेरे उनकी यादे सताये है
साँसो मे मेरे बस उनकी ही यादे है
ये चाँद तो बादलो के पार है
ये चाँदनी फिर भी क्यूँ बेकरार है

वो मोरा चाँद तो जन्मो के पार है
फिर भी किसी कोने से दिल मे, मेरे
तेरी आती पुकार है



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